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Thursday, 22 December 2011

माँ आज भी रोती है !

माँ तब भी रोती थी जब बेटा रोटी नही खाता था। माँ आज भी रोती है जब बेटा रोटी नही देता है।





जिस दिन मैं इस दुनिया में आई, रोती हुई आँखें थी मेरी माँ की,
गम के नहीं वो ख़ुशी के थे आंसू, आँखें तब नाम थी मेरी माँ की,
उस दिन से रोती है मेरी माँ, आज भी नम आँखें हैं उसकी,

बचपन में मुझे चलना सिखाया, माँ ने ही माँ कहना सिखाया,
मुझे अगर कभी चोट लग जाती, तब मेरी माँ की आँख भर आती,
दर्द से तब मेरी माँ रोती थी, आज भी नाम आँखें हैं उसकी,

जब पढने को कॉलेज जाना था, और रहने मुझे हॉस्टल जाना था,
माँ की गीली आँखों ने मुझको, उस रोज़ भी रोकना चाहा था,
उस दिन मेरी माँ रोई थी, आज भी नम आँखें हैं उसकी,

सोचती हूँ ये कभी कभी मैं, क्या उसका आंसू से है नाता,
आज मैं उससे दूर हूँ इतना, तब भी मेरी माँ रोती है,
जनम से मेरे रोती रही है, आज भी नम आंखें हैं उसकी,

आज मैं तेरे पास नहीं हूँ, माँ पोछ्ले आज आंसू तू अपने,
ये बात सुनके माँ फिर रोई थी, आज भी नम आँखें हैं उसकी…

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